केन्द्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली का 119वां स्थापना दिवस समारोह आयोजित

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केन्द्रीय राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डाॅ. भारती प्रवीन पवार ने कहा कि स्वास्थ्य सहित अन्य क्षेत्रों में नवाचार ही भविष्य की सुरक्षा का आधार है। डाॅ. भारती प्रवीन पवार हिमाचल प्रदेश के सोलन ज़िला के कसौली स्थित केन्द्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली के 119वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह को मुख्यातिथि के रूप में सम्बोधित कर रहीं थीं। उन्होंने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ किया। डाॅ. भारती प्रवीन पवार ने कहा कि प्रौद्योगिकी में बदलाव के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार की प्रक्रिया नवीन रूप ले रही है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में नवाचार अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि रोगों के कारक भी नित नया रूप ले रहे हैं। कोविड-19 महामारी में वायरस के बदलते स्वरूप के कारण उत्पन्न परिस्थितियों से हम सभी परिचित हैं।

उन्होंने कहा कि अनुसंधान के क्षेत्र में नवाचार के सकारात्मक परिणाम टीकाकरण सहित कोरोना वैक्सीन के रूप में प्रत्यक्ष हैं। केन्द्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश में टीकाकरण कवरेज में केन्द्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1905 में अपनी स्थापना के समय से ही केन्द्रीय अनुसंधान संस्थान नवाचार अपनाकर रोगों के उपचार के लिए टीकों के उत्पादन में राह दिखा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एवं अनुसंधान के क्षेत्र में देश को सर्वोच्च शिखर तक पहंुंचाने के लिए यह संस्थान अग्रसर है। अपनी 118 वर्षों की यात्रा में संस्थान ने मील के अनेक ऐतिहासिक पत्थर स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली में बी.एस.एल- III स्तर की प्रयोगशाला स्थापित करने को स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि यहां तपेदिक रोग के टीकों के वाणिज्यिक उत्पादन के लिए परीक्षण किए जा रहे हैं। उन्होंने आशा जताई कि संस्थान तकनीक के माध्यम से जन सेवा के मूल मंत्र को आत्मसात करते हुए भविष्य में नई ऊंचाइयां प्राप्त करेगा।

उन्होंने इस अवसर पर कोरोना टीकाकरण, आयुष्मान भारत और डी-संजीवनी सहित विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने संस्थान को 118 वर्ष का उपलब्धियों भरा सफ़र पूर्ण करने पर बधाई दी। उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक के उपयोग को व्यापक स्तर पर अपनाएं। हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री डाॅ. कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा कि केन्द्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली की उपलब्धियां असाधारण हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में कोरोना जांच तथा टीकाकरण के कार्य में संस्थान ने प्रदेश वासियों के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया है। उन्होंने आशा जताई कि भविष्य में संस्थान नवीन प्रौद्योगिकी के प्रयोग से अनेक जटिल रोगों का उपचार सम्भव बना सकेगा। डाॅ. शांडिल ने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल में स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत बनाकर जन-जन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए दृढ़ संकल्प है।

उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में राज्य में ग्रामीण स्तर तक स्वास्थ्य अधोसंरचना को सुदृढ़ किया जा रहा है। इसी कड़ी में आई.जी.एम.सी शिमला, राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टाण्डा (कांगड़ा), हमीरपुर, नाहन, चम्बा और नेरचैक स्थित चिकित्सा महाविद्यालयों में चरणबद्ध तरीके से यूरोलाॅजी, सामान्य शल्य चिकित्सा, स्त्री रोग, कार्डियोथोरेसिक शल्य तथा गेस्ट्रो सर्जरी में रोबोटिक शल्य चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध करवाने पर 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन तकनीक का उपयोग करने के लिए चरणबद्ध कार्य किया जा रहा है। उन्होंने आग्रह किया कि केन्द्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली में ऐसे रोगों पर भी अनुसंधान किया जाए जो पर्वतीय क्षेत्रों में अधिक पाए जाते हैं। हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण विभाग तथा युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि अपने 118 वर्षों के कार्यकाल में केन्द्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली ने यह सिद्ध किया है कि यह संस्थान तकनीक एवं नवाचार के प्रयोग में अग्रणी है। उन्होंने कहा कि नवीन अनुसंधान, कार्यक्रम एवं नवाचार ही जनमानस को भविष्य में होने वाले रोगों से बचा सकते हैं।

उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों को सुदृढ़ करने में संस्थान के योगदान की सराहना की। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि देश एवं प्रदेश को निरोग रखने में सभी का सहयोग एवं समन्वय अपेक्षित है। शिमला लोकसभा क्षेत्र के सांसद सुरेश कश्यप तथा कसौली विधानसभा क्षेत्र के विधायक विनोद सुल्तानपुरी ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में केन्द्रीय अनुसंधान संस्थान की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर केन्द्रीय अनुसंधान संस्थान की वर्ष 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट का विमोचन किया गया। केन्द्रीय अनुसंधान संस्थान की निदेशक डाॅ. डिम्पल कसाना ने सभी का स्वागत किया और संस्थान की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र में सी.जी.एम.बी के अनुरूप टीके तैयार करने वाला यह पहला संस्थान है और सूक्ष्म जीव विज्ञान के क्षेत्र में संस्थान अग्रणी है।

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