मेल-मिलाप का साधन मेले एवं त्यौहार – डॉ. शांडिल

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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि पुराने समय से ही मेले एवं त्यौहार मेल-मिलाप का साधन रहे हैं। डॉ. शांडिल गत देर सांय सोलन की ग्राम पंचायत दिया के गांव धर्जा में आयोजित दो दिवसीय महामई मेला धर्जा के समापन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।

डॉ. शांडिल ने कहा कि मेले एवं त्यौहार जहां हमारी युवा पीढ़ी को हमारी समृद्ध संस्कृति से परिचित करवाते हैं वहीं आपसी मेल-जोल का साधन भी बनते है। उन्होंने कहा कि मेले एवं त्यौहारों के बारे में युवा पीढ़ी को पूरी जानकारी प्रदान करना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि मेले हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संजोए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। समृद्ध संस्कृति को संजोए रखने में युवा पीढ़ी को भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक पर्यटन राज्य है और जहां पर्यटन क्षेत्र में रोज़गार की अपार सम्भवनाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन के विकास के साथ-साथ सरकार की प्राथमिकता अधिक से अधिक स्थानीय युवाओं को पर्यटन क्षेत्र से जोड़ना और रोज़गार दिलाना है।

उन्होंने कहा कि सोलन ज़िला के वाकनाघाट में लगभग 65 करोड़ रुपए से पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में उत्कृष्ट केन्द्र की स्थापना की जा रही है। इस केन्द्र की स्थापना से छात्रों को आतिथ्य क्षेत्र में उच्च व रोज़गारोन्मुखी शिक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी।स्वास्थ्य मंत्री ने मेला समिति को अपनी ऐच्छिक निधि से 11 हजार रुपए देने की घोषणा की।

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