महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगा एस.बी.पी. इंस्टीटयूट ट्रेवल एण्ड टूरिज़म
मुख्य संसदीय सचिव (लोक निर्माण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा सूचना एवं जन सम्पर्क) संजय अवस्थी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी में पर्यटन क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है। संजय अवस्थी गत सांय सोलन के सपरुन में द सोलन एनएटीसी को-ऑपरेटिव सोसायटी द्वारा संचालित एस.बी.पी. इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रेवल एण्ड टूरिज़म के शुभारम्भ अवसर पर बतौर मुख्यातिथि उपस्थित थे। संजय अवस्थी ने इस अवसर पर अनौपचारिक विचार-विमर्श में कहा कि हिमाचल प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में अपार सम्भावनाएं है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में पर्यटकों की अधिक आवाजाही स्थापित पर्यटक क्षेत्रों पर है। प्रदेश सरकार का यह प्रयास है कि हिमाचल प्रदेश में न केवल अनछुए पर्यटक स्थलों को विकसित किया जाए अपितु प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण स्थानों पर आवश्यक अधोसंरचना उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में धार्मिक, साहसिक पर्यटन के साथ-साथ स्वास्थ्य पर्यटन, ग्रामीण पर्यटन और गंतव्य पर्यटन के विकास पर बल दिया जा रहा है।
मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि प्रदेश में पर्यटकों सहित स्थानीय नागरिकों को बेहतर यातायात सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का प्रयास है कि हिमाचल में आरम्भिक चरण में चिन्हित स्थानों पर हैलीपोर्ट निर्मित किए जाएं ताकि आवाजाही का बेहतर साधन उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का यह प्रयास पर्यटकों को आवागमन की बेहतर सुविधा देने में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक स्थानीय युवाओं को पर्यटन क्षेत्र से जोड़ने और रोज़गार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य ‘हिमाचल प्रदेश कौशल विकास कार्यक्रम’ के अन्तर्गत सोलन ज़िला के वाकनाघाट में पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में लगभग 70 करोड़ रुपये की लागत से ‘‘उत्कृष्ट केन्द्र’’ की स्थापना की जा रही है।
संजय अवस्थी ने कहा कि प्रदेश की तीन जागरूक महिलाओं श्वेता सूरी, ज्योति साहनी और स्मृति तोमर द्वारा सहकारिता के अंतर्गत आरम्भ किया गया एस.बी.पी. इंस्टीटयूट ऑफ ट्रेवल एण्ड टूरिज़म हिमाचल प्रदेश में अपनी तरह का पहला इंस्टीटयूट है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं को पर्यटन क्षेत्र में बेहतर रोज़गार व स्वरोज़गार के अवसर सृजित करने में यह इंस्टीटयूट मील का पत्थर सिद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि यह प्रयास जहां महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देगा वहीं प्रदेश की अन्य महिलाओं को इस दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने महिला उद्यमियों को संस्थान की स्थापना के लिए बधाई देते हुए आशा जताई कि उनका प्रयास युवाओं को पर्यटन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में बेहतर करने के लिए सशक्त मंच उपलब्ध करवाएगा। संस्थान की संस्थापक श्वेता सूरी ने कहा कि इंस्टीटयूट में विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रम व्यावहारिक रूप से सिखाएं जाएंगे।
उन्होंने कहा कि इंस्टीटयूट में तीन प्रकार के पाठ्यक्रम करवाए जाएंगे। पहला पाठ्यक्रम 03 माह का होगा जिसमें पर्यटन क्षेत्र के बारे में मूल जानकारी दी जाएगी। दूसरा पाठ्यक्रम 06 माह का होगा तथा तीसरा पाठ्यक्रम एक वर्ष का होगा। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा उपलब्ध करवाए जा रहे सभी पाठ्यक्रम सरकार से मान्यता प्राप्त हैं।