डॉ. शांडिल द्वारा विधिवत पूजा के साथ दशहरा पर्व सम्पन्न

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आसुरी प्रवृत्तियों के प्रतीक रावण, कुम्भकर्ण तथा मेघनाद के दहन के साथ विजयदशमी का पर्व आज यहां विधिवत पूजा-अर्चना के साथ सम्पन्न हो गया। समापन समारोह की अध्यक्षता स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने की।

उन्होंने कहा अवसर पर दशहरा दंगल के विजेताओं को सम्मानित भी किया। डॉ. शांडिल ने इस अवसर पर कहा कि विजयदशमी अंधकार पर प्रकाश तथा आसुरी प्रवृत्तियों पर सतत् की विजय का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि बुराई पर अच्छाई के प्रतीक इस त्यौहार को विश्व में भिन्न-भिन्न रूपों में मनाया जाता है।  उन्होंने प्रदेश एवं जिलावासियों को दशहरा पर्व की बधाई देते हुए सभी के स्वस्थ जीवन एवं उज्जवल भविष्य की कामना की।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भगवान श्रीराम का चरित्र हमें पग-पग पर प्रबंधन की सीख देता है।

उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम का चरित्र आदर्श की पराकाष्ठा है। उन्होंने कहा कि जीवन के संग्राम में विजयी होने के लिए हमें भगवान श्रीराम के आदर्शों का पालन करना सीखना होगा। उन्होंने कहा कि हमारे मेले, उत्सव एवं त्यौहार भाईचारे की भावना को सुदृढ़ करते हैं। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने इस अवसर पर आयोजित दशहरा दंगल के विजेताओं को सम्मानित करते हुए आशा जताई कि अधिक से अधिक युवा इस खेल की तरफ आकर्षित होंगे।बड़ी माली में चण्डीगढ़ के पहलवान आशीश ने चण्डीगढ़ के पहलवान हरि को पराजित कर खिताब अपने नाम किया।

डॉ. शांडिल ने बड़ी माली के विजेता को पुरस्कार के रूप में 16 हजार रुपए तथा उपविजेता को 15 हजार रुपए का नकद पुरस्कार प्रदान किया। छोटी माली में हिमाचल केसरी का खिताब सोलन ज़िला के ओच्छघाट के पहलवान विक्रम ने बिलासपुर के अंकित को हराकर जीता।

स्वास्थ्य मंत्री ने छोटी माली के विजेता को पुरस्कार के रूप में 06 हजार रुपए तथा उपविजेता को 05 हजार रुपए का नकद पुरस्कार प्रदान किया। डॉ. शांडिल ने इससे पूर्व कण्डाघाट के पड़ाव मैदान में आयोजित दशहरा समारोह में शिरकत की और यहां आयोजित दंगल का आनंद उठाया।
उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि नशे से सदैव दूर रहें और अपनी संस्कृति और परम्पराओं की जानकारी अपने बुजुर्गों से प्राप्त करें।

उन्होंने दशहरा दंगल समिति सोलन को अपनी ऐच्छिक निधि से 21 हजार रुपए प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने दशहरा मेला समिति कण्डाघाट को अपनी ऐच्छिक निधि से 11 हजार रुपए प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने इससे पूर्व रामलोक मंदिर के लिए निर्मित किए जाने वाले भव्य प्रवेश द्वार का शिलान्यास भी किया। उन्होंने इस कार्य के लिए अपनी ऐच्छिक निधि से आरम्भिक राशि के रूप में 03 लाख रुपए प्रदान करने की घोषणा की।

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