हिमाचल में आधी आबादी के हाथ एक चौथाई विधानसभा क्षेत्रों में जीत की चाबी

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हिमाचल में होने जा रहे लोकसभा चुनाव में इस बार प्रदेश के 17 विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्याशियों की जीत की चाबी महिलाओं के हाथ में रहेगी। संसदीय क्षेत्र हमीरपुर के आठ, मंडी के छह, कांगड़ा के दो और शिमला संसदीय क्षेत्र के एक विधानसभा क्षेत्र में पुरुषों के मुकाबले महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है। प्रदेश के 11 ऐसे विधानसभा क्षेत्र ऐसे भी हैं, जहां पुरुष मतदाताओं की संख्या महिलाओं से मात्र 50 से 500 तक ही अधिक है। चारों संसदीय क्षेत्रों में 17-17 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के कुल मतदाताओं की बात करें तो राज्य में इनकी संख्या 5568171 है। इनमें महिला मतदाताओं की संख्या 2755160 है और पुरुष मतदाता 2812976 हैं।

हिमाचल प्रदेश में आधी आबादी के मतदाता अधिक होने के बावजूद विधानसभा में मात्र एक महिला विधायक जीतकर आई हैं। यह महिला विधायक पच्छाद विधानसभा क्षेत्र की रीना कश्यप हैं। मंडी संसदीय सीट से प्रतिभा सिंह का चुनाव लड़ना लगभग तय है, अन्य सीटों पर भाजपा और कांग्रेस की ओर से महिला प्रत्याशी दिए जाने के आसार शून्य ही नजर आ रहे हैं। पहले कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा शिमला संसदीय सीट से महिला को प्रत्याशी बना सकती है, लेकिन पार्टी ने यहां से वर्तमान सांसद सुरेश कश्यप पर ही दांव खेलने का फैसला लिया।

 प्रदेश की चारों संसदीय सीटों में हमीरपुर ऐसा संसदीय क्षेत्र है, जहां सबसे ज्यादा आठ हलकों में महिलाओं प्रत्याशियों की संख्या पुरुष मतदाताओं की तुलना में ज्यादा है। इनमें देहरा, धर्मपुर, भोरंज, सुजानपुर, हमीरपुर, बड़सर और घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। मंडी संसदीय क्षेत्र के लाहौल-स्पीति, नाचन, जोगिंद्रनगर, मंडी, बल्ह और सरकाघाट में भी महिला मतदाताओं का दबदबा है। संसदीय क्षेत्र कांगड़ा के जयसिंहपुर और सुलह में भी पुरुषों के मुकाबले महिला मतदाता अधिक हैं। शिमला संसदीय सीट के जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र में भी महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है।

11 विधानसभा क्षेत्रों में पुरुष मतदाताओं की संख्या महिलाओं से 50 से 500 तक ही अधिक
प्रदेश के 11 ऐसे विधानसभा क्षेत्र ऐसे भी हैं, जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या महिलाओं से मात्र 50 से 500 तक ही अधिक है। इनमें भटियात, ज्वालामुखी, कांगड़ा, धर्मशाला, पालमपुर, मनाली, सुंदरनगर, नाचन, किन्नौर, बिलासपुर और ठियोग विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।

आंकड़ों में महिला शक्ति
साल            कुल महिला          मतदाता मतदान
2004          2039746            12,12,205
2009          2240602            13,34,297
2014          2320836            15,28,465
2019          26,05,996           19,36,405

विधानसभा क्षेत्र पुरुष मतदाता महिला वोटर
जयसिंहपुर      41481               42999
सुलह              51963              52802
लाहौल-स्पीति   12495              12545
नाचन              44197              44778
जोगिंद्रनगर       49543              50646
मंडी                37594               39197
बल्ह                 40363              41808
सरकाघाट         44823               46032
देहरा                41437               41842
घुमारवीं             44510               45182
धर्मपुर               40423               41328
भोरंज                40408               42067
सुजानपुर             36382             38350
हमीरपुर              37646             38184
बड़सर                42503             43979
नादौन                 46871             47373
जुब्बल कोटखाई   36522             37013

हिमाचल से मात्र तीन महिलाएं ही बनीं सांसद
आजादी से लेकर अब तक हिमाचल से मात्र तीन महिला सांसद ही चुनकर संसद में पहुंचीं। इन महिलाओं ने कांग्रेस के टिकट पर ही चुनाव लड़ा है। प्रदेश में 1951-52 के लोकसभा चुनाव में मंडी महासू सीट से कांग्रेस के टिकट पर राजकुमारी अमृत कौर जीतकर संसद पहुंची थीं। उनके बाद 1984 में कांगड़ा लोकसभा सीट से चंद्रेश कुमारी सांसद बनीं। 2004 में मंडी संसदीय सीट से प्रतिभा सिंह सांसद चुनी गईं। भाजपा के टिकट पर अभी तक कोई भी महिला चुनाव जीतकर सांसद नहीं बन सकी।

कब कौन जीता
वर्ष                 महिला विजेता
1952             अमृत कौर
1984             चंद्रेश कुमारी कटोच
2004               प्रतिभा सिंह
2013             प्रतिभा सिंह
2021 (उपचुनाव) प्रतिभा सिंह

देश की पहली स्वास्थ्य मंत्री रहीं अमृत कौर
देश में आजादी के बाद पहली बार केंद्रीय कैबिनेट गठित हुई तो प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के मंत्रिमंडल में राजकुमारी अमृत कौर का भी नाम था। वह देश की पहली स्वास्थ्य मंत्री बनीं। देश की स्वास्थ्य मंत्री के रूप में उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि दिल्ली में एम्स की स्थापना रही। अमृत कौर कपूरथला राजघराने की बेटी थीं। डांडी मार्च के लिए वह जेल भी गईं। माता-पिता की मौत के बाद 1930 में उन्होंने महल छोड़ दिया और पूरी तरह से स्वतंत्रता आंदोलन में समर्पित हो गईं।

राजघराने की बेटी-बहू, दस जनपथ से करीब
चंद्रेश कुमारी महाराजा हनवंत सिंह की सबसे बड़ी पुत्री और पूर्व नरेश गजसिंह की बहन हैं। उनकी शादी हिमाचल प्रदेश में लंबागांव के महाराज आदित्य देव कटोच के साथ हुई। 1984 में वह कांगड़ा संसदीय सीट से सांसद निर्वाचित हुईं। फिर महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ कई महत्वपूर्ण पदों पर रहीं। जब उन्होंने हिमाचल विधानसभा चुनाव में भाग लेने का मन बनाया तो हाईकमान ने उन्हें कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी संभालने को कहा गया।

प्रतिभा सिंह साल 1998 से राजनीति में सक्रिय
कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष एवं सांसद प्रतिभा सिंह पूर्व सीएम दिवंगत वीरभद्र सिंह की पत्नी हैं। प्रतिभा साल 1998 से राजनीति में सक्रिय हैं। उन्होंने मंडी संसदीय क्षेत्र से पहला चुनाव 1998 में लड़ा था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद साल 2004 में यहीं से सांसद बनीं। 2013 और 2021 के उपचुनाव में भी इन्हें इसी सीट से जीत मिली।

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