टांडा मेडिकल कॉलेज से निकाले 250 से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी, कोरोना काल में हुई थी तैनाती

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टांडा मेडिकल कॉलेज से निकाले 250 से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी, कोरोना काल में हुई थी तैनाती हिमाचल प्रदेश में बिना किसी नोटिस और बिना किसी एडवांस के अलग-अलग स्वास्थ्य संस्थानों से सैकड़ों आउटसोर्स कर्मचारियों को महज एक झटके में ही सरकार ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है. कांगड़ा स्थित प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज टांडा में यूं अचानक से निकाले गये ढाई सौ से भी ज्यादा आउटसोर्स कर्मचारी अब सड़कों की खाक छानने को मजबूर हो गये हैं. तीसरे दिन सोमवार को भी ये कर्मचारी टीएमसी के एडमिन ब्लॉक के बाहर मौन प्रदर्शन करते हुए नजर आए. इस दौरान कुछ महिला कर्मचारी तो फफक फफक कर रोती हुई अपनी आपबीती भी बताते हुये दिखीं.

आउटसोर्स पर सफाई का कामकाज देख रही महिला कर्मचारियों ने भरे मन से अपना दुखड़ा सुनाते हुये कहा कि उनकी मजबूरी ने उन्हें टांडा मेडिकल कॉलेज में साफ-सफाई करने का काम करने की राह दिखाई, मगर आज न वो घर की हैं न घाट की. इस वक्त उनके सामने मुसीबतों का ऐसा पहाड़ प्रतीत हो रहा है, जिसका कोई हिसाब ही नहीं. टांडा मेडिकल कॉलेज में वार्ड वॉय के तौर पर कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों ने कहा कि सुनने में आ रहा है कि सरकार उन्हें सिर्फ तीन महीने की एक्सटेंशन दे रही है, जो कि सरासर अन्याय है. उन्होंने कोविड जैसे विपरीत काल में अपनी जान को जोखिम में डालकर काम किया है, जिसका इनाम मिलने की बजाय उन्हें बड़ी ही बेरहमी के साथ निकाल दिया है

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